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अंकल में मेरी खुती ले ये पुरानी बात है लेकिन आज भी मुझे बहुत याद आ रही है और वो भी मुझे बहुत थी मज़े का दिन लग रहे हैं बहुत याद आ रहे हैं बहुत तड़प रहे हैं उस दिन पे लिए
हम लोग जा रहे थे अपने मामु के बैट और साथ हमारा अंकर पे था गारे में बैट रहे थो गारे में जब हम लोग ने जी सित्र ली थी वो काम थी तो मामा ने मुझे गोला कि आप अंकल की गोट में बैट रहे हो तो अब मैं जमान पो रही थी बड़ी नहीं थी लेकिन �
अंकल ने कहा कि आप मेरी गोट में आज भी तराख बैट रहे हो तो मैं अंकल की गोट में बैट रही थी थोड़ी देव बाद मुझे मस्सूस हुआ कि मेरे साथ को एक चीस टच हो रही है कोई चीस लाग रही है निची से न तो मैं थोड़ा सुलचन करती है ऐसे ऐसे करत
ये क्या था कि वो जैवा मुझे मश्सूस होने लगी मैंने अंकल की मुझ की तरख लेकर वो साँने ऐसे मुझ बनाए बैट करा था साँने देख रहा था वो मुझे नहीं देख रहा था और ऐसे था जैसे कुछ हुआ ही नहीं वो शो कुछ भी नहीं करवा रहा था तो बा
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